Shraddha Ka Aanchal

हम श्रद्धा का आँचल फैलाए
प्रभु, दर्शन को खड़े हुए हैं
नैन प्रेम का दीपक जला कर
प्रभु, अर्पण को बैठे हुए हैं

हम श्रद्धा का आँचल फैलाए
प्रभु, दर्शन को खड़े हुए हैं
नैन प्रेम का दीपक जला कर
प्रभु, अर्पण को बैठे हुए हैं
हम श्रद्धा का आँचल फैलाए

खेलो ना आँख-मिचौली
प्रभु, हम से लुक-छिप कर
अजी, खेलो ना आँख-मिचौली
प्रभु, हम से लुक-छिप कर

साक्षात दर्शन दे दो, हे गुरुवर
साक्षात दर्शन दे दो, हे गुरुवर
पलकें बिछाए बैठे हुए हैं
हम श्रद्धा का आँचल फैलाए

दयासिंधु, दयाधाम आप हैं
दयादृष्टि ज़रा बरसा दो
दयासिंधु, दयाधाम आप हैं
दयादृष्टि ज़रा बरसा दो

मन-मंदिर के भगवन तुम मेरे
मन-मंदिर के भगवन तुम मेरे
रोम-रोम में रमे हुए हो
हम श्रद्धा का आँचल फैलाए

अमृतपान किया सेवा का
रस लगता कहीं और नहीं
अमृतपान किया सेवा का
रस लगता कहीं और नहीं

बिनती है गुरु नारायण से
बिनती है गुरु नारायण से
दर्शन आस लगाए हुए हैं

हम श्रद्धा का आँचल फैलाए
प्रभु, दर्शन को खड़े हुए हैं
नैन प्रेम का दीपक जला कर
प्रभु, अर्पण को बैठे हुए हैं

हम श्रद्धा का आँचल फैलाए
हम श्रद्धा का आँचल फैलाए
हम श्रद्धा का आँचल फैलाए



Credits
Writer(s): Jeetu Tapan, Nirmal Maharaj
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