Aisa Kyon Hota Hai

विधि के विधान से धर्म बना
इंसानों ने क़ानून रचा
इनकी होते भी धरती पर
अन्याय से आख़िर कौन बचा

ये जीवन है कुरुक्षेत्र, यहाँ
अन्याय ये जब-जब होता है
तब धर्म कहाँ खो जाता है?
क़ानून कहाँ तब सोता है?

ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?
ये बात कोई तो बतलाए
ये राज़ कोई तो समझाए
ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?

अपराध यहाँ कोई और करे
किसी और के सर इल्ज़ाम लगे
ये आग लगाए और कोई
इस आग में कोई और जले

सच का ना सबूत मिले कोई
सच का ना सबूत मिले कोई
इंसाफ़ पे कोई बस ना चले, बस ना चले

ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?

सपनों का मरमरीं ताजमहल
सपनों का मरमरीं ताजमहल
इक ठोकर में ढह जाता है
दो आँखों से आँसू बन कर
जीवन का प्यार बह जाता है

कैसे कोई दिल पत्थर बन कर
कैसे कोई दिल पत्थर बन कर
ये ज़ुल्म-ओ-सितम सह जाता है, सह जाता है

ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?

दो प्यार-भरी रूहों में कौन
नफ़रत का ज़हर भर जाता है?
पल-भर ना बिछड़ने वालों को
पल-भर में जुदा कर जाता है

वो प्यार कहाँ खो जाता है?
वो प्यार कहाँ खो जाता है?
विश्वास कहाँ मर जाता है, मर जाता है?

ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?
ये बात कोई तो बतलाए
ये राज़ कोई तो समझाए
ऐसा क्यूँ होता है?
आख़िर ऐसा क्यूँ होता है?



Credits
Writer(s): Anjaan, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah
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