Bachain Bahut Phirta - Live

बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना
बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहना
बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहना
बेचैन बहुत... बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना

छलकाये हुये चलना ख़ुश्बू लब-ए-लाली की
छलकाये हुये चलना ख़ुश्बू लब-ए-लाली की
इक बाग़ सा साथ अपने महकाये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहना
बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना

उस हुस्न का शेवा है जब इश्क़ नज़र आये
उस हुस्न का शेवा है जब इश्क़ नज़र आये
पर्दे में चले जाना शर्माये हुये रहना
पर्दे में चले जाना शर्माये हुये रहना

इक शाम सी कर रखना काजल के करिश्मे से
इक शाम ... इक शाम ...इक शाम...
इक शाम सी कर रखना काजल के करिश्मे से
इक चाँद सा आँखों में चमकाये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहना
बेचैन... बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना

आदत ही बना ली है तुमने तो 'मुनीर' अपनी
आदत ही...
आदत ही बना ली है तुमने तो 'मुनीर' अपनी
जिस शहर में भी रहना उकताये हुये रहना
जिस शहर में भी रहना उकताये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहना
बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना



Credits
Writer(s): Ghulam Ali, Munir Niazi
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