Gazab Ka Hain Yeh Din

चल पड़े हैं हम ऐसी राह पे
बेफ़िकर हुए कि अब जाना कहाँ
लापता हुए सारे रास्ते
ढूँढेगा हमें ये ज़माना कहाँ?

ये समाँ है कैसा, मुस्कुराने जैसा
धीमी बारिशें हैं हर जगह
हो, ये नशा है कैसा, डूब जाने जैसा
जागी ख़्वाहिशें हैं हर जगह

ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा
ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा

पानी हूँ पानी मैं, हाँ, बहने दो मुझे
जैसा हूँ वैसा ही रहने दो मुझे
दुनिया की बंदिशों से मेरा नाता है कहाँ
रुकना-ठहरना मुझको आता है कहाँ

ये समाँ है कैसा, मुस्कुराने जैसा
धीमी बारिशें हैं हर जगह
ये नशा है कैसा, डूब जाने जैसा
जागी ख़्वाहिशें हैं हर जगह

ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा
ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा

Mmm, नीली है क्यूँ ज़मीं? नीला है क्यूँ समाँ?
लगता है घास पर सोया हो आसमाँ
ये मस्तियाँ मेरी, मनमानियाँ मेरी
लो मिल गईं मुझे आज़ादियाँ मेरी

ये समाँ है कैसा, मुस्कुराने जैसा
धीमी बारिशें हैं हर जगह
ये नशा है कैसा, डूब जाने जैसा
जागी ख़्वाहिशें हैं हर जगह

ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा
ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा

चल पड़े हैं हम ऐसी राह पे
बेफ़िकर हुए कि अब जाना कहाँ
लापता हुए सारे रास्ते
ढूँढेगा हमें ये ज़माना कहाँ?

ये समाँ है कैसा, मुस्कुराने जैसा
धीमी बारिशें हैं हर जगह
हो, ये नशा है कैसा, डूब जाने जैसा
जागी ख़्वाहिशें हैं हर जगह

ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा
ग़ज़ब का है ये दिन, ग़ज़ब का है ये दिन
ग़ज़ब का है ये दिन, देखो ज़रा



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik, Manoj Muntashir Shukla
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