Phir Wohi Raat

फिर वही रात है, फिर वही रात है ख़्वाब की
हो, रात-भर ख़्वाब में देखा करेंगे तुम्हें
फिर वही रात है

फिर वही रात है, फिर वही रात है ख़्वाब की
हो, रात-भर ख़्वाब में देखा करेंगे तुम्हें
फिर वही रात है

मासूम सी नींद में जब कोई सपना चले
हो, हमको बुला लेना तुम पलकों के परदे तले
हो, ये रात है ख़्वाब की, ख़्वाब की रात है

फिर वही रात है
फिर वही रात है, फिर वही रात है ख़्वाब की



Credits
Writer(s): Gulzar, Rahul Dev Burman
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