Tu Chhupi Hai Kahan (From "Navrang")

तू छुपी है कहाँ मैँ
तड़पता यहाँ

तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ

दिल की महफ़िल में जब न मुझे तुम मिले, साँस लेती हूँ आके इस सुनसान में
इन बहारों में जब न तुझे पा सकी, तो तड़पती हूँ आके इस वीरान में
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ

तेरे बिन चाँद की फीकी है चाँदनी
मेरे गीतों को छोड़ चली रागनी
जान तन में है पर मन बेजान है
तू थी आवाज़ बाकी सब सुनसान है
छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ

ये नज़रेँ दीवानी जो खोयी हुईँ, तेरे रंगीन सपनोँ के रंगों मेँ
उमंगोँ मेँ जब ना तुझे पा सकी, ढूँढती हूँ मैं ग़म की
तरंगोँ मेँ
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ

मैँ छुपी हूँ पिया तेरी पलकन, मेँ तेरी धड़कन
मेँ तेरी हर साँस मेँ, तेरी हर आस मेँ
मैँ छुपी हूँ कहाँ मेरा ये राज़ सुन
दर्द के हाथोँ ग़म से भरा साज़ सुन
मेरे रोते हुए दिल की आवाज़ सुन

जब तलक तेरा मेरा न होगा मिलन
मैँ ज़मीँ आसमाँ को हिलाती रहूँगी
आखिरी आस तक आखिरी साँस
तक
ख़ुद तड़पूँगी और तड़पाती रहूँगी

ये कौन घुँघरू झमका, ये कौन चाँद चमका
ये धरती पे आसमान आ गया पूनम का
ये कौन फूल महका, ये कौन पंछी चहका
महफ़िल मेँ कैसी ख़ुशबू उड़ी, दिल जो मेरा बहका
लो तन मेँ जान आई, होँठोँ पे तान आई
मेरी चकोरी चाँदनी मेँ कर के स्नान आई
बिछड़ा वो मीत आया, जीवन का गीत आया
दो आत्माओँ के मिलल का दिन पुनीत आया
सूरत है मेरे सपनोँ की तू सोहिनी
जमुना तू ही है तू ही मेरी मोहिनी
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ



Credits
Writer(s): Bharat Vyas, Avinash Vyas
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