Bachche Man Ke Sachche

बच्चे मन के सच्चे
बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

खुद रूठें, खुद मन जाएँ, फिर हमजोली बन जाएँ
झगड़ा जिसके साथ करें, अगले ही पल फिर बात करें
झगड़ा जिसके साथ करें, अगले ही पल फिर बात करें

इनको किसी से बैर नहीं, इनके लिए कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है सबको बाँह पसारे

बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

इंसाँ जब तक बच्चा है तब तक समझो सच्चा है
ज्यों-ज्यों उसकी उमर बढ़े, मन पर झूठ का मैल चढ़े
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे

बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

तन कोमल, मन सुंदर है, बच्चे बड़ों से बेहतर हैं
इनमें छूत और छात नहीं, झूठी ज़ात और पात नहीं
भाषा की तकरार नहीं, मज़हब की दीवार नहीं
इनकी नज़रों में एक हैं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे

बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे, बच्चे मन के सच्चे



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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