Tu Dayalu Deen Haun (Tulsidas Bhajan)

तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी

नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो
नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो
मो समान आरत नहिं, आरतिहर तोसो

तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी

ब्रह्म तू,हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो
ब्रह्म तू,हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो
तात-मात, गुर-सखा, तू सब बिधि हितू मेरो

तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी

तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै
तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै
ज्यों त्यों तुलसी कृपालु, चरन सरन पावै

तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी
तू दानि, हौं भिखारी, तू दानि, हौं भिखारी



Credits
Writer(s): Anup Jalota, Goswami Tulsidas
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