Tune Kaha

तेरे हवाले है ये ज़िंदगी मेरी
तेरे उजाले से सब राहें हैं यहाँ
अपने नसीब का मैं बादशाह नहीं
तू मेरी शाम है, तू ही मेरी सुबह

तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया

शोर आया ऐसे, तो तू बेफ़िकर है क्यूँ?
शरमाईं मंज़िलें, तू बेख़बर है क्यूँ?
रंगों से दोस्ती है मैंने भी करी
क्या है तू सोचति, मुझ को भी तो बता

तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया

फ़िकर के दिन और रातें
ढल गया सूरज कहाँ
फ़िज़ूल की थी बातें
खो गए थे हम जाने कहाँ

तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया

रोज़ाना मेरी तो है दास्ताँ नई
पुरज़े पुराने हैं पर शौक हैं कई
तारों की रोशनी ने दिखाया रास्ता
पर मैं मुकर गया, तू साथ जो यहीं

तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया
तूने कहा, मैंने सुन लिया



Credits
Writer(s): Prateek Kuhad
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