Darshan Do Ghanshyam

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम

मन-मंदिर की ज्योति जगा दो
मन-मंदिर की ज्योति जगा दो
घट-घट वासी रे
दर्शन दो घनश्याम

मंदिर-मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
आ, आ...
मंदिर-मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
युग बीते, ना आई मिलन की पूरनमासी रे
दर्शन दो घनश्याम

द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूँगा बोले
आ, द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूँगा बोले
अंधा देखे, लंगड़ा चलकर पहुँचे काशी रे
दर्शन दो घनश्याम

पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समझाऊँ?
आँख-मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम



Credits
Writer(s): G S Nepali, Ravi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link