Patthar Ke Bhagwan

तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
मेरे माथे पे लग रहा दाग़

अरे, पत्थर के भगवान तू है कहाँ?
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही

लाज आती है मुझको ये कहते हुए
प्रभु अंधा ना बन आँख रहते हुए
लाज आती है मुझको ये कहते हुए
प्रभु अंधा ना बन आँख रहते हुए
मुझे डसने को आए हैं देख ज़रा
तेरी बस्ती के ज़हरीले नाग

अरे, पत्थर के भगवान तू है कहाँ?
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही

चंद चाँदी के टुकड़ों की ख़ातिर यहाँ
चंद चाँदी के टुकड़ों की ख़ातिर यहाँ
एक अबला के फूट रहे भाग

अरे, पत्थर के भगवान तू है कहाँ?
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही

किसी भाई की बिछड़ी हुई एक बहन
बता कब तक करे तेरे दुखडे़ सहन
किसी भाई की बिछड़ी हुई एक बहन
बता कब तक करे तेरे दुखडे़ सहन
आज ज़िंदा चिता पर हूँ मैं जल रही
जल रहे सब उम्मीदों के बाग़

अरे, पत्थर के भगवान तू है कहाँ?
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही
मेरे माथे पे लग रहा दाग

अरे, पत्थर के भगवान तू है कहाँ?
तेरी दुनिया में लग जाए आग
तेरे होते हुए आज मैं लुट रही



Credits
Writer(s): Chitalkar Ramchandra, Manian Pradeep
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