Badal Pe Chalke Aa

बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

साँसों से मेरी निकल के आ
बाँहों में मेरी मचल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

साँसों से मेरी निकल के आ
बाँहों में मेरी मचल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

शाख़ों पे लहराएँ मौसम हरे-हरे
चाँदी सी बरसाएँ बादल भरे-भरे
ओ, शाख़ों पे लहराएँ मौसम हरे-हरे
चाँदी सी बरसाएँ बादल भरे-भरे

भीगी हुईं इन फ़िज़ाओं में
आँखों से दिल में सँभल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

मैं हूँ तेरी ज़मीं, तू मेरा आसमाँ
तू मेरी आरज़ू, मैं तेरी जान-ए-जाँ

टूटती है धनक बन के अंगड़ाइयाँ
आओ, बाँहों में भर लें तन्हाइयाँ
मैं हूँ तेरी ज़मीं, तू मेरा आसमाँ
तू मेरी आरज़ू, मैं तेरी जान-ए-जाँ

आँचल की चंचल हवाओं में
होंठों पे गीतों सा ढल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

शीशे सी बाँहों पे बूँदें रुकी-रुकी
पलकों पे शरमाएँ रातें झुकी-झुकी
पलकों पे शरमाएँ रातें झुकी-झुकी
शीशे सी बाँहों पे बूँदें रुकी-रुकी

ज़ुल्फ़ों की काली घटाओं में
मुझमें नशे सा पिघल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

साँसों से मेरी निकल के आ
बाँहों में मेरी मचल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ

बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ
बादल पे चल के आ
सावन में ढल के आ



Credits
Writer(s): Nida Fazli, Shiv Hari
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