Zara Si Aur Pila Do Bhang

ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
कि दिल मेरा डोला
ओ, जय बम भोला

ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
कि दिल मेरा डोला
ओ, जय बम भोला

मेरी तो अक्ल हुई है दंग
ये कैसा बदला तेरा ढंग?
कि तू था भोला
ओ, जय बम भोला

मुझे समझ ना तू बैरागी
मैंने आज तपस्या त्यागी

मुझे समझ ना तू बैरागी
मैंने आज तपस्या त्यागी
तेरे रूप का झटका खा के
मेरी सोई जवानी जागी
मेरी सोई जवानी जागी

जा, हट जा, परे मलंग
करे क्यूँ बीच सभी के तंग?
कि तू था भोला
ओ, जय बम भोला

ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
कि दिल मेरा डोला
ओ, जय बम भोला

मेरे दिल से निकले हाए
गोरी, क्यूँ नखरे दिखलाए?

जा-जा
मेरे दिल से निकले हाए
गोरी, क्यूँ नखरे दिखलाए?
ज़रा हँसके गले से लग जा
तुझे कँवारा प्यार बुलाए
तुझे कँवारा प्यार बुलाए

तेरे तन पर चढ़ गया ज़ंग
यूँ ही अब क्यूँ खड़काए अंग?
कि तू था भोला
ओ, जय बम भोला

ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
कि दिल मेरा डोला
ओ, जय बम भोला



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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