Agar Mujhe Na Mile Tum

अगर मुझे ना मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
के दिल की राह से हो कर खुशी नहीं गुज़री
अगर मुझे ना मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
के सिर्फ़ उम्र कटी, ज़िंदगी नहीं गुज़री

ग़ज़ल का हुस्न हो तुम, नज़्म का शबाब हो तुम
सदा-ए-साज़ हो तुम, नगमा-ए-रबाब हो तुम
जो दिल में सुबह जगाए, वो आफ़ताब हो तुम
वो आफ़ताब हो तुम

अगर मुझे ना मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
मेरे जहाँ से कोई रोशनी नहीं गुज़री
अगर मुझे ना मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
के सिर्फ़ उम्र कटी, ज़िंदगी नहीं गुज़री

फ़िज़ा में रंग, नज़ारों में जान है तुम से
मेरे लिए ये ज़मीं-आसमान है तुम से
ख़याल-ओ-ख़ाब की दुनियाँ जवान है तुम से
जवान है तुम से

अगर मुझे ना मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
के ख़ाब "ख़ाब" रहे, बेकसी नहीं गुज़री
अगर मुझे ना मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
के दिल की राह से हो कर खुशी नहीं गुज़री

बड़े यकीन से मैंने ये हाथ माँगा है
हो, मेरी वफ़ा ने हमेशा का साथ माँगा है
दिलों की प्यास ने आब-ए-हयात माँगा है
दिलों की प्यास ने आब-ए-हयात माँगा है

अगर मुझे ना मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
के इंतज़ार की मुद्दत अभी नहीं गुज़री
अगर मुझे ना मिली तुम तो मैं ये समझूँगा
अगर मुझे ना मिले तुम तो मैं ये समझूँगी
के सिर्फ़ उम्र कटी, ज़िंदगी नहीं गुज़री



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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