Main Nigahen Tere Chehre Se

मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे?
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे?
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे?
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे?
मैं निगाहें...

छा रही थी तेरी महकी हुई ज़ुल्फ़ों की घटा
तेरी आँखों ने...
तेरी आँखों ने पिला दी तो मैं पीता ही गया

तौबा-तौबा-, तौबा-तौबा...
तौबा-तौबा, वो नशा है कि बताऊँ कैसे?
मैं निगाहें...

मेरी आँखों में गिले-शिकवे हैं और प्यार भी है
आरज़ुएँ...
आरज़ुएँ भी हैं और हसरत-ए-दीदार भी है

इतने तूफ़ान-, तूफ़ान...
इतने तूफ़ान मैं आँखों में छुपाऊँ कैसे?
मैं निगाहें...

शोख़ नज़रें ये शरारत से ना बाज़ आएँगी
कभी रूठेंगी...
कभी रूठेंगी, कभी मिल के पलट जाएँगी

तुझसे निभ जाएगी-, निभ जाएगी...
तुझसे निभ जाएगी, मैं इनसे निभाऊँ कैसे?
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे?
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे?
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे?
मैं निगाहें...



Credits
Writer(s): Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan
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