Dil Jo Na Keh Saka

दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई

दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका

नग़मा सा कोई जाग उठा बदन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
झंकार की सी थरथरी है तन में
हो, प्यार की इन्हीं धड़कती, धड़कती फ़िज़ाओं में
रहने की रात आई

दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई

अब तक दबी थी एक मौज-ए-अरमाँ
लब तक जो आई, बन गई हैं तूफ़ाँ
लब तक जो आई, बन गई हैं तूफ़ाँ
हो, बात प्यार की बहकती, बहकती निग़ाहों से
कहने की रात आई

दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई

गुज़रे ना ये शब, खोल दूँ ये ज़ुल्फ़ें
तुमको छुपा लूँ, मूँद के ये पलकें
तुमको छुपा लूँ, मूँद के ये पलकें
ओ, बेक़रार सी लरज़ती, लरज़ती सी छाँव में
रहने की रात आई

दिल जो ना कह सका
वो ही राज़-ए-दिल
कहने की रात आई

दिल जो ना कह सका



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Roshan
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