Ik Rasta Hai Zindagi - From "Kaala Patthar"

चोरी, चोरी, चोरी, चोरी
(चोरी, चोरी, चोरी, चोरी)

इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं
ये कदम किसी मुकाम पे, जो जम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं

ओ, जाते राही, ओ, बाके राही
मेरी बाहों को, इन राहों को
तू छोड़ के ना जा, तू वापस आ जा

वो हुस्न के जलवे हो, या इश्क़ की आवाज़ें
आज़ाद परिंदों की रुकती नहीं परवाज़े

जाते हुए कदमों से, आते हुए कदमों से
भरी रहेगी राहगुज़र, जो हम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं
ये कदम किसी मुकाम पे, जो जम गए तो कुछ नहीं

ए, ऐसा गज़ब नहीं ढाना, पिया मत जाना बिदेसवा रे, हाय
ऐसा गज़ब नहीं ढाना, पिया मत जाना बिदेसवा रे, हाय
हमका भी संग लिए जाना, पिया जब जाना बिदेसवा रे

हो, जाते हुए रही के साये में सिमटना क्या?
इक पल के मुसाफ़िर के दामन से लिपटना क्या?

जाते हुए कदमों से, आते हुए कदमों से
भरी रहेगी राहगुज़र, जो हम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं
ये कदम किसी मुकाम पे, जो जम गए तो कुछ नहीं
इक रास्ता है ज़िन्दगी, जो थम गए तो कुछ नहीं



Credits
Writer(s): Nagrath Rajesh Roshan, Ludiavani Sahir
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