Apni To Jaise Taise - From "Laawaris"

Hey, Huh-huh

अपनी तो जैसे-तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे
अपनी तो जैसे-तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे कट जाएगी
आपका क्या होगा, जनाब-ए-आली?
आपका क्या होगा?

अपने आगे ना पीछे, ना कोई ऊपर-नीचे
अपने आगे ना पीछे, ना कोई ऊपर-नीचे रोने वाला
ना कोई रोने वाली, जनाब-ए-आली
आपका क्या होगा? हाँ

आप भी मेरी तरह इंसान की औलाद हैं
आप मुँह माँगी दुआ, हम अनसुनी फ़रियाद हैं
आप भी मेरी तरह इंसान की औलाद हैं
आप मुँह माँगी दुआ, हम अनसुनी फ़रियाद हैं

वो जिन्हें सारा ज़माना समझे लावारिस यहाँ
आप जैसे ज़ालिमों के ज़ुल्म की ईजाद है

गाली हज़ूर की तो लगती दुआओं जैसी
गाली हज़ूर की तो लगती दुआओं जैसी
हम दुआ भी दें तो लगे है गाली
आपका क्या होगा, जनाब-ए-आली?
आपका क्या होगा? Hmm

आपके माथे से छलके जो पसीना भी कहीं
आसमाँ हिलने लगे और काँप उठे ये ज़मीं

आपका तो ये पसीना ख़ून से भी क़ीमती
और अपने ख़ून की क़ीमत यहाँ कुछ भी नहीं

अपना तो ख़ून-पानी, जीना-मरना, बेमानी
अपना तो ख़ून-पानी, जीना-मरना, बेमानी
वक़्त की हर अदा है अपनी देखी-भाली
आपका क्या होगा, जनाब-ए-आली?
आपका क्या होगा? हाँ

अपनी तो जैसे-तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे
अपनी तो जैसे-तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे कट जाएगी
आपका क्या होगा, जनाब-ए-आली?
आपका क्या होगा?

अपने आगे ना पीछे, ना कोई ऊपर-नीचे
अपने आगे ना पीछे, ना कोई ऊपर-नीचे रोने वाला
ना कोई रोने वाली, जनाब-ए-आली
आपका क्या होगा?



Credits
Writer(s): Mehra Prakash, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah
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