Dhai Akhar

ढाई आखर प्रेम कहानी
बेज़ुबाँ नैनों की ज़ुबानी

ढाई आखर प्रेम कहानी
बेज़ुबाँ नैनों की ज़ुबानी
पढ़ते ही दिल बस खो ही गया
जिसका था डर वो हो ही गया

ढाई आखर प्रेम कहानी
बेज़ुबाँ नैनों की ज़ुबानी
ढाई आखर प्रेम कहानी
बेज़ुबाँ नैनों की ज़ुबानी

पढ़ते ही दिल बस खो ही गया
जिसका था डर वो हो ही गया

नैना मेरे मुझसे ही छुप के बरसते रहे
फिर भी बेज़ार ना हुआ
पलकें बिछा बस इक झलक तेरी पाने की ख़ातिर
ढूँढे ये तेरा ही पता, ना जाने इसे क्या हुआ

इश्क़ ही आदत वही पुरानी
थोड़ा सा मचला, की नादानी
इश्क़ ही आदत वही पुरानी
थोड़ा सा मचला, की नादानी

रातों की नींदें चुरा ले गया
जिसका था डर वो हो ही गया

साँसें बहे, कुछ ना कहे, धड़के बेख़बर
क्यूँ ऐतबार ना रहा?
थम के चले जिस्मों को ख़ुद से मिला दे ये शातिर
कर दे ना कोई ये ख़ता, ना जाने इसे क्या हुआ

प्यार में होती है मनमानी
पड़ती है कीमत भी चुकानी
प्यार में होती है मनमानी
पड़ती है कीमत भी चुकानी

सोए-सोए अरमाँ जगा के गया
जिसका डर था वो हो ही गया



Credits
Writer(s): Ajay Jaiswal, Satish, Anup Bajpai
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