Jyoti Kalash Chhalke - From "Bhabhi Ki Chudiyan"

ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके

हुए गुलाबी, लाल, सुनहरे
रंग दल बादल के
ज्योति कलश छलके

घर, आँगन, वन, उपवन-उपवन
करती ज्योति अमृत के सींचन
मंगल घट ढल के
मंगल घट ढल के
ज्योति कलश छलके

अंबर कुमकुम कण बरसाए
फूल पँखुड़ियों पर मुस्काए
बिंदु तू ही न जल के
बिंदु तू ही न जल के

ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके

पाट-पाट बिरवा हरियाला
धरती का मुख हुआ उजाला
सच सपने कल के
सच सपने कल के
ज्योति कलश छलके

ऊषा ने आँचल फैलाया
फैली सुख की शीतल छाया
नीचे आँचल के
नीचे आँचल के

ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके

ज्योति यशोदा, धरती गैय्या
नील गगन गोपाल, कन्हैय्या
ज्योति यशोदा, धरती गैय्या
नील गगन गोपाल, कन्हैय्या
शामल छबी झलके
शामल छबी झलके

ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके



Credits
Writer(s): Pt Narendra Sharma, Sudhir V Phadke
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