Patli Gali

धार लगानी, तलवार चलानी हो, के चक्की पिसानी हो
पतली गली आना
मूँछ बनानी हो, के पूँछ काटनी है, दूकान पुरानी
अरे, पतली गली आना

धार लगानी, तलवार चलानी हो, के चक्की पिसानी हो
पतली गली आना
मूँछ बनानी हो, के पूँछ काटनी है, दूकान पुरानी
अरे, पतली गली आना

पतली गली में फिसलन है
अरे, काई भरी ये सीलन है
हो, ज़रा पैंचें उठाके आना
आना जी, ज़रा, पैंचें उठाके आना
आना जी, ज़रा, पँजे उठाके आना
अ-र-र, पँजे उठाके आना
पतली गली आना

धार लगानी, तलवार चलानी हो, के चक्की पिसानी हो
पतली गली आना
आना जी, ज़रा, पतली गली आना

पतली गली में सारे गंजे कंघीयाँ बेच रहे हैं
अरे, फाँसी गले में डाल के मामू रस्सियाँ बेच रहे हैं
गंजे कंघियाँ बेच रहे हैं, मामू रस्सियाँ बेच रहे हैं
गर्म हवा का झोंका, गली में कोई भोंका

है भोंका ज़रा, दुम दबा के आना

मूँछ बनानी हो, के पूँछ काटनी है, दूकान पुरानी
अरे, पतली गली आना

(पतली-पतली गली, पतली-पतली गली)
(पतली-पतली गली, पतली-पतली गली)
(पतली गली आना, पतली गली आना)
(भैया जी मेरी, पतली गली आना, पतली गली आना)

गुठली से रह जाते हैं, जो पूरे आते हैं
आम लोग इस गली में अक्सर चूस लिए जाते हैं
गुठली से रह जाते हैं, जो पूरे आते हैं
आम लोग इस गली में अक्सर चूस लिए जाते हैं

फाँसी हो या ज़माना दा अब मुला
तो सर झुका के आना

मूँछ बनानी हो, के पूँछ काटनी है, दूकान पुरानी
अरे, पतली गली आना
धार लगानी, तलवार चलानी हो, के चक्की पिसानी हो
पतली गली आना



Credits
Writer(s): Gulzar, Vishal Bhardwaj
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