Aye Khuda

ऐ खुदा मुझको बता
तू रहता कहाँ क्या तेरा पता
हम तो यहाँ पे मुसाफिर है
जो ढूंढे अपनी मंजिल का पता

ऐ खुदा मुझको बता
तू रहता कहाँ क्या तेरा पता (पता)
हम तो यहाँ पे मुसाफिर है
जो ढूंढे अपनी मंजिल का पता
हां आ
हां हां हां आ
हां आ
हां हां हां आ

यारा तेरी याद आती है
जां मेरी जान जाती है
तन्हाइयों में रहता हूँ
खुद से ही अक्सर ये कहता हूँ
क्यूँ तुने दिल तोड़ा
क्यूँ तुने यूँ छोड़ा
क्यूँ तेरा अब भी रहे दिल को इंतज़ार
क्यूँ चली आती है

क्यूँ तड़पाती है

क्यूँ हूँ अब भी मैं यूँ बेकरार
ऐ खुदा मुझको बता
तू रहता कहाँ क्या तेरा पता (पता)
हम तो यहाँ पे मुसाफिर है
जो ढूंढे अपनी मंज़िल का पता
हां आ
हां हां हां आ
हां आ
हां हां हां आ

फासले हैं मगर
फिर भी तू दूर नहीं
माना की हम तो हैं
पर तू मजबूर नहीं
हर लम्हा मुझको ये तड़पाती
जां मेरी जान जाती है
तन्हाइयों में रहता हूँ
खुद से ही अक्सर ये कहता हूँ
क्यूँ तुने दिल तोड़ा
क्यूँ तुने यूँ छोड़ा
क्यूँ तेरा अब भी रहे दिल को इंतज़ार
क्यूँ चली आती है
क्यूँ तड़पाती है
क्यूँ हूँ अब भी मैं यूँ बेकरार
ऐ खुदा मुझको बता
तू रहता कहाँ क्या तेरा पता
हम तो यहाँ पे मुसाफिर है
जो ढूंढे अपनी मंजिल का पता
यारा तेरी याद आती है
जां मेरी जान जाती है
तन्हाइयों में रहता हूँ
खुद से ही अक्सर ये कहता हूँ
क्यूँ तुने दिल तोड़ा
क्यूँ तुने यूँ छोड़ा
क्यूँ तेरा अब भी रहे दिल को इंतज़ार
क्यूँ चली आती है
क्यूँ तड़पाती है
क्यूँ हूँ अब भी मैं यूँ बेकरार
ऐ खुदा मुझको बता
तू रहता कहाँ क्या तेरा पता (पता)
हम तो यहाँ पे मुसाफिर है
जो ढूंढे अपनी मंजिल का पता
हां आ
हां हां हां आ
हां आ
हां हां हां आ



Credits
Writer(s): Hanif Shaikh
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