Mujhe Teri

मुझे तेरी आँखों की गहराई में डूबने दे
मुझे तेरी बाहों की जन्नत में खोने दे
तेरे बिना ये जीवन जैसे सूना सपना
तेरे बिना तुझको हर पल ढूंढे ये दिल मेरा
मुझे तेरी आँखों की गहराई में डूबने दे

न न नहीं जाना प्यार क्या
नहीं जाना होता है ये इन्तेज़ार क्या
तेरी आँखों ने सब कुछ कहा
क्यूँ ना कहे तेरी ज़ुबां
माना माना मैंने प्यार है
कैसा छाया देखो मुझपे खुमार है
मेरे संग जमीं और आसमां
फिर क्यूँ है खोयी मेरी हर दिशा
मुझे तेरी आँखों की गहराई में डूबने दे
मुझे तेरी बाहों की जन्नत में खोने दे

तेरी बिना, तेरे बिना
हर पल लगे सुना सा
इक तुझसे ही बनता मेरा
जहां प्यारा प्यारा
दे दो ना मुझको वो हर ख़ुशी
हाँ कहता है मुझसे ये दिल मेरा
मुझे तेरी आँखों की गहराई में डूबने दे
मुझे तेरी बाहों की जन्नत में खोने दे

हर ज़र्रे में हर जगह में
महसूस करती हूँ मैं
इक तुझको ही, हाँ तुझको ही
महफूज़ रखती हूँ मैं
ख्यालो में दिल में मेरी साँसों में
गुनगुनाती हूँ तुझको हर बात में
मुझे तेरी आँखों की गहराई में डूबने दे
मुझे तेरी बाहों की जन्नत में खोने दे



Credits
Writer(s): Hanif Shaikh
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