Yun Hi Re

लाख रोका पर रुका ना इश्क़ ये सरज़ोर है
अपनी चाहत और कुछ है, इश्क़ की कुछ और है
तेरे मेरे बस में क्या है हो रहा है जो लिखा है
इस लम्हे की ख्वाहिशों मे ज़िन्दगानी की रज़ा है
यूहीं रे यूहीं रे मिल रहें हम
तुझी में तुझी में खो के रहें हम
यूहीं रे यूहीं रे मिल रहें हम
तुझी में तुझी में खो के रहें हम

ना गवारा था मुझे जो दिल को वो मंज़ूर है
तुझसे मिलके दिल ये जाने किस नशे में चूर है
वो हो साथ दिल के दिल से तेरे हो गया हूं बाखुदा मैं
तेरी कुरबत से भी कैसे रह सकूंगी अब जुदा
तेरी निगाहों की बाहों मे आओ ना
चाहत की हमेशा राहों में रहूं मैं
यूहीं रे यूहीं रे, तुझी में तुझी में
यूहीं रे यूहीं रे मिल रहें हम
तुझी में तुझी में खो के रहें हम



Credits
Writer(s): A. M. Turaz, Anirudh
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link