Jo Chham Se Nikal Gayee Raat

जो छम से निकल गई रात...
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली

ये गई तो गई, फिर नहीं आने वाली
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली

ओ, आज तो बाज़ी होगी लगानी...
आज तो बाज़ी होगी लगानी, कहती हूँ मैं ये पुकार
दाम तो होगा तुझ को लगाना, दौलत हो चाहे प्यार

आ इधर, तुझ से ही ये नज़र है सवाली
जो छम से निकल गई रात...
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली

ओ, कौन है असली, कौन है नक़ली...
कौन है असली, कौन है नक़ली, तेरी नज़र जाने
शक्ल किसी की छुप ना सकेगी, दिल से जो पहचाने

लाख पर्दे में भी है नज़र आने वाली
जो छम से निकल गई रात...
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली

हो, जान लिया तो फिर ये क़दम क्यूँ...
जान लिया तो फिर ये क़दम क्यूँ किस लिए रोका है?
जो भी है करना, कर ले मेरी जाँ, आख़िर मौक़ा है

जान-ए-मन, ये घड़ी पल में है जाने वाली
जो छम से निकल गई रात...
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
इक रात की सारी बात कहे समझाने वाली

ये गई तो गई, फिर नहीं आने वाली
जो छम से निकल गई रात, नहीं फिर आने वाली
नहीं फिर आने वाली, नहीं फिर आने वाली



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri
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