Masoom Chehra (Male Version)

मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है
मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है

मिले दोस्त जिस को यहाँ तेरे जैसा
मिले दोस्त जिस को यहाँ तेरे जैसा
उसे दुश्मनों की ज़रूरत ही क्या है?

मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है

दिल तोड़ दिया क्यूँ? इतना बता दे
फिर बाद में, बेवफ़ा, जो चाहे मुझ को सज़ा दे
दिल तोड़ दिया क्यूँ? इतना बता दे
फिर बाद में, बेवफ़ा, जो चाहे मुझ को सज़ा दे

तेरी बेरुख़ी से परेशान हूँ मैं
तेरी बेरुख़ी से परेशान हूँ मैं
ना आए समझ में, ये क्या माजरा है?

मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है

जो भरता नहीं वो ज़ख़्म दिया है
मुझ को नहीं, प्यार को बदनाम तूने किया है
जो भरता नहीं वो ज़ख़्म दिया है
मुझ को नहीं, प्यार को बदनाम तूने किया है

जिसे मैंने पूजा मसीहा बना के
जिसे मैंने पूजा मसीहा बना के
ना था ये पता पत्थरों का बना है

मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है
हाँ, मिले दोस्त जिस को यहाँ तेरे जैसा
उसे दुश्मनों की ज़रूरत ही क्या है?

मासूम चेहरा, निगाहें फ़रेबी
लबों पे हँसी और दिल में दग़ा है



Credits
Writer(s): Sameer, Sanjeev Darshan, Jameel Mujahid
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link