Charage Ishq Jalaane Ki Raat Aaye Hai

चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है

वो आज आए हैं महफ़िल में चाँदनी लेकर
वो आज आए हैं महफ़िल में चाँदनी लेकर
कि रोशनी में नहाने की रात आई है
कि रोशनी में नहाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है

फ़लक का चाँद भी शरमा के मुँह छुपाएगा
फ़लक का चाँद भी शरमा के मुँह छुपाएगा
नक़ाब रुख़ से उठाने की रात आई है
नक़ाब रुख़ से उठाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है

निगाह-ए-साक़ी से पैहम छलक रही है शराब
निगाह-ए-साक़ी से पैहम छलक रही है शराब
पियो कि पीने-पिलाने की रात आई है
पियो कि पीने-पिलाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Faiz Ratlami
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