Tum Binti Suno Sab Ki

तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का
तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का

सदराह दिखा करके उद्धार करो, दुर्गा
...उद्धार करो, दुर्गा

तुम विनती सुनो सब की

दर्शन हो माँ तेरे, सबकी अभिलाषा है
मन में रहो तुम सबके, तुमसे यही आशा है
दर्शन हो माँ तेरे, सबकी अभिलाषा है
मन मेरा रहो तुम सबके, तुमसे यही आशा है

क्या मेरा, क्या उसका, ये अपना-पराया क्या
सदज्योति जला करके रोशन करो जग सारा
...रोशन करो जग सारा

तुम विनती सुनो सब की

संसार तो माया है, कभी धूप, कभी छाया है
एक दिन उसे जाना है, जो भी यहाँ आया
संसार तो माया है, कभी धूप, कभी छाया है
एक दिन उसे जाना है, जो भी यहाँ आया

क्या रंग है जीवन का, क्या रूप है मानव का
तुम ज्ञान बढ़ा करके उपकार करो, दुर्गा
...उपकार करो, दुर्गा

तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का
तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का



Credits
Writer(s): Shrikant Mishra, Lal Sinha, Durga Durga, Natraj Natraj
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