Raat Zulm Ki Kat Jayegi

रात ज़ुल्म की कट जाएगी
भागेगा अँधियारा, दूर नहीं उजियारा

रात ज़ुल्म की कट जाएगी
भागेगा अँधियारा, दूर नहीं उजियारा
(दूर नहीं उजियारा)

रात ज़ुल्म की कट जाएगी
भागेगा अँधियारा, दूर नहीं उजियारा
(दूर नहीं उजियारा)

तूफ़ानों के बिच देश का तू ही है ध्रुवतारा
तू आज़ादी की कश्ती का केवल एक सहारा

अँधियारी राहों पर तूने...
अँधियारी राहों पर तूने चलकर यही पुकारा
दूर नहीं उजियारा

ज़ालिम की हस्ती को तूने आगे बढ़ धिक्कारा
तेरी क़ुरबानी ने सोए वीरों को ललकारा

सुन लो सदियाँ याद करेगी...
सुन लो सदियाँ याद करेगी तेरा जौहर प्यारा
दूर नहीं उजियारा

रात ज़ुल्म की कट जाएगी
भागेगा अँधियारा, दूर नहीं उजियारा
(दूर नहीं उजियारा)

अमर शहीद चिता पर तेरी लगा रहेगा मेला
तूने अपने ख़ूँ से लिखा ये इतिहास सुनहला
(ये इतिहास सुनहला)
गए फ़िरंगी, अब लहराया ये अरमान तुम्हारा
आज हुआ उजियारा

(वंदे मातरम, वंदे मातरम)
(वंदे मातरम, वंदे मातरम)



Credits
Writer(s): Jamal Sen, V Mallikarjuna Sarma
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