Tum Hi Mere Humnashin

तुम ही हो, वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं
तुम ही हो, वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं

प्यार के, मोड़ पे, आ गई ज़िंदगी
अब ना ग़ैर तुम, ना हूँ मैं अज़नबी

तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं
तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं

प्यार के, मोड़ पे, आ गई ज़िंदगी
अब ना ग़ैर तुम, ना हूँ मैं अज़नबी

हलकी सी बेक़रारी, हल्का सा एक नशा है
मेरी हसरतों का आँचल रंगीन हो रहा है
क्यूँ धड़कने जवाँ हैं, मुझे अब समझ में आया
बाहों के दायरे में दिल ने करार पाया

पलकों पे सजे कितने ख़ाब हैं ख़ाब
साँसों में खिले लाखों गुलाब हैं

तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं
तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं

प्यार के, मोड़ पे, आ गई ज़िंदगी
अब ना ग़ैर तुम, ना हूँ मैं अज़नबी

मुझे इस कदर ना चाहो
मेरा दम निकल ना जाए
इस प्यार से ना देखो
कहीं दिल मचल ना जाए

डाली है जान तुमने, बेजान ज़िंदगी में
क्या-क्या हुआ ना हांसिल, चाहता की बेखुदी मैं

कैसे मैं करूँ हाल-ए-दिल बयां?
जीना ही नहीं अब तो तेरे बिना

तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं
तुम ही हो वो मेरे हमनशीं
तुमसे मिल के हुआ है यकीं

प्यार के, मोड़ पे, आ गई ज़िंदगी
अब ना ग़ैर तुम, ना हूँ मैं अज़नबी
प्यार के, मोड़ पे, आ गई ज़िंदगी
अब ना ग़ैर तुम, ना हूँ मैं अज़नबी



Credits
Writer(s): Raju Singh, Rani Malik
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