Rishtey Toote Bandhan Toote

रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे
रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे
सब कुछ तोड़ के बेशक जाना
लेकिन पहले ये तो बताना
जो पल बीते साथ तुम्हारे

उनसे पीछा कैसे छूटे

रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे

सब कुछ तोड़ के बेशक जाना
लेकिन पहले ये तो बताना
जो पल बीते साथ तुम्हारे
उनसे पीछा कैसे छूटे
रिश्ते टूटे, बंधन टूटे

सजने वाले, दर्पण टूटे

हंसते हुए रहते थे हम
रोते हुए जीने लगे
खुशियाँ हुई मन से विदा
गम में तेरे पीने लगे
लोग करेंगे क्या क्या बातें
याद हैं सावन की बरसातें
जो पल भीगे साथ तुम्हारे
उनसे पीछा कैसे छूटे

रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे

कहती है शाम ये क्या हुआ
नगमा कोई गाते नहीं
गुलशन ने भी पूछा मुझसे
अब तुम दोनो आते नहीं
मुश्किल है कितना ये समझाना
टूटे दिल का दर्द छुपाना
जो पल महके साथ तुम्हारे
उनकी खुशबु कैसे छूटे
रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे

सब कुछ तोड़ के बेशक जाना
लेकिन पहले ये तो बताना
जो पल बीते साथ तुम्हारे
उनसे पीछा कैसे छूटे
रिश्ते टूटे, बंधन टूटे
सजने वाले, दर्पण टूटे



Credits
Writer(s): Nikhil-vinay, Sunil Jogi
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