Hum Hindustani - From "Hum Hindustani"

(छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी)
(नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी)
(हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी)

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को, जो छोड़ चुके हैं
चाँद के दर पे जा पहुँचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं

नया ख़ून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

हमको कितने ताज-महल हैं और बनाने
कितने ही अजंता हमको और सजाने
अभी पलटना है रुख़ कितने दरियाओं का
कितने पर्वत राहों से हैं आज हटाने

नया ख़ून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

आओ, मेहनत को अपना ईमान बनाएँ
अपने हाथों को अपना भगवान बनाएँ
राम की इस धरती को, गौतम की भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ

नया ख़ून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

हर ज़र्रा है मोती, आँख उठा कर देखो
माटी में सोना है, हाथ बढ़ा कर देखो
सोने की ये गंगा है, चाँदी की यमुना
चाहो तो पत्थर से धान उगा कर देखो

नया ख़ून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी (हम हिंदुस्तानी)
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी



Credits
Writer(s): Prem Dhawan, Usha Khanna
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