Chupke Chupke Raat Din - From "Nikaah"

चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है

तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा
तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा

और तेरा दाँतों में वो उँगली दबाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है

चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह
चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह

मुद्दतें गुज़रीं, पर अब तक वो ठिकाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है

खेंच लेना वो मेरा पर्दे का कोना दफ़'अतन
खेंच लेना वो मेरा पर्दे का कोना दफ़'अतन

और दुपट्टे से तेरा वो मुँह छुपाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए
दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए

वो तेरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
चुपके-चुपके रात-दिन आँसू बहाना याद है



Credits
Writer(s): Ghulam Ali
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