Main Hoon Naarangi

मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें
हो, मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें
पी लो दिलवालों, पी लो मतवालों
मस्ती का प्याला हूँ, मुँह से लगा लो
छलकें जवानी और जाम छलकें
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें
हाँ, मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें

ज़ुल्फ़ें घटाओं जैसी मुखड़े पे बिखरा दूँ मैं तो, हसीं शाम हो जाए
ज़ुल्फ़ें घटाओं जैसी मुखड़े पे बिखरा दूँ मैं तो, हसीं शाम हो जाए
मदभरी, मस्तानी अँखियों से हँसके देखूँ तो नज़र जाम हो जाए
सुनो दीवानों, मेरे परवानों
आज है तुम्हारा, आज ही को जानों
देखें हैं किसने नज़ारें कल के
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें
हाँ, मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें

देखों ये अदाएं मेरी कहती हैं बढ़ के मुझे ले लो बाहों में तुम
देखों ये अदाएं मेरी कहती हैं बढ़ के मुझे ले लो बाहों में तुम
मस्ती में आ के ज़रा लहरा के डूब जाओ मेरी निगाहों में तुम
यूँही जीए जाओ, मौज लिए जाओ
जीने का हसीन ये गुनाह किए जाओ
मज़े उठालों हर इक पल के
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपके
हाये! मैं हूँ नारंगी मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपके
पी लो दिलवालों, पी लो मतवालों
मस्ती का प्याला हूँ, मुँह से लगा लो
छलकें जवानी और जाम छलकें
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें
हाँ, (हे...), मैं हूँ नारंगी, मेरे अंग-अंग से
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें (हे!...)
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें (हे!...)
खट्टा-खट्टा, मीठा-मीठा, रस टपकें (हे!...)



Credits
Writer(s): Nadeem Saifi, Shravan Rathod, Mahendra Dehlvi
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