Kai Sadiyon Se Kai Janmon Se (From "Milap")

कई सदियों से, कई जन्मों से
कई सदियों से, कई जन्मों से
तेरे प्यार को तरसे मेरा मन
आजा, आजा कि अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से...
राहों में कहीं नज़र आया
अपने ही ख़यालों का साया
राहों में कहीं नज़र आया
अपने ही ख़यालों का साया

कुछ देर मेरा मन लहराया
ओ-ओ, फिर डूब गई आशा की किरण

आजा, आजा कि अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से...
सपनों से मुझे ना यूँ बहला
पायल के सोए गीत जगा
सपनों से मुझे ना यूँ बहला
पायल के सोए गीत जगा

सुनसान है जीवन की बग़िया
ओ-ओ, सूना है बहारों का आँगन

आजा, आजा कि अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से...



Credits
Writer(s): Naqsh Lyallpuri, Brij Bhushan
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