Bhari Mehfilon Mein

कुछ लोग यहाँ पर ऐसे हैं
जो ख़ुद को शरीफ़ बताते हैं
हम उनकी शराफ़त के क़िस्से
महफ़िल वालों को सुनाते हैं

भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
किसी की भी इज़्ज़त ये कर दें नीलाम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम

भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
किसी की भी इज़्ज़त ये कर दें नीलाम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
किसी की भी इज़्ज़त ये कर दें नीलाम

बेशर्मियाँ हैं हिजाबों के पीछे
बिछाए हैं काँटे गुलाबों के पीछे
बेशर्मियाँ हैं हिजाबों के पीछे
बिछाए हैं काँटे गुलाबों के पीछे
छुपाए हैं चेहरे नक़ाबों के पीछे
छुपाए हैं चेहरे नक़ाबों के पीछे

हँस-हँस के लेते, ओ-ओ
हँस-हँस के लेते हैं ये इंतिक़ाम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
किसी की भी इज़्ज़त ये कर दें नीलाम

गुल जानता, गुलसिताँ जानता है
ज़मीं जानती, आसमाँ जानता है
गुल जानता, गुलसिताँ जानता है
ज़मीं जानती, आसमाँ जानता है
हम क्या हैं, ये सारा जहाँ जानता है
हम क्या हैं, ये सारा जहाँ जानता है

ये रोज़ अपना, ओ-ओ
ये रोज़ अपना बदलते हैं नाम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
यही है, यही है शरीफ़ों का काम
भरी महफ़िलों में ये पीते हैं जाम
किसी की भी इज़्ज़त ये कर दें नीलाम



Credits
Writer(s): Naresh Sharma, Laljee Pandey
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