Dil Haarne Wale Aur Bhi Hai

दिल हारने वाले और भी हैं
सरकार, दीवाने और भी हैं

दिल हारने वाले और भी हैं
सरकार, दीवाने और भी हैं
हम पर ही चले क्यूँ तीर-ए-नज़र?
हम पर ही चले क्यूँ तीर-ए-नज़र?
महफ़िल में निशाने और भी हैं

उल्फ़त की अजब ये मंज़िल है
अब देखिए क्या-क्या होता है
उम्मीद के ग़ुंचे खिलते हैं
उम्मीद के ग़ुंचे खिलते हैं
या ख़ून-ए-तमन्ना, हाँ-हाँ
या ख़ून-ए-तमन्ना होता है

हो ख़ैर मोहब्बत वालों की
हो ख़ैर मोहब्बत वालों की
दुश्वार ज़माने और भी हैं
दिल हारने वाले और भी हैं
सरकार, दीवाने और भी हैं

दिल ने तो छुपाई लाख, मगर
सीने में क़यामत छुप ना सकी
आँखों ने भरम सब खोल दिए
वल्लाह, मोहब्बत छुप ना सकी
आँखों ने भरम सब, हाँ-हाँ
आँखों ने भरम सब खोल दिए
वल्लाह, मोहब्बत छुप ना सकी

सब देखने वाले जान गए
सब देखने वाले जान गए
कुछ दिल के फ़साने और भी हैं
हम पर ही चले क्यूँ तीर-ए-नज़र?
महफ़िल में निशाने और भी हैं

नज़रें हों किसी पर साक़ी की
महफ़िल से कोई महरूम उठे
एक नग़्मा-ए-उल्फ़त वही नहीं
एक नग़्मा-ए-उल्फ़त वही नहीं
सुन कर जिसे दुनिया झूम उठे

दिल गाए, मगर आवाज़ ना हो
दिल गाए, मगर आवाज़ ना हो
कुछ ऐसे तराने और भी हैं
हम पर ही चले क्यूँ तीर-ए-नज़र?
महफ़िल में निशाने और भी हैं



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad Naushad
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