Badh Raha Hai

दुश्मनी में दोस्ती का सिसिला रहने दिया
दुश्मनी में दोस्ती का सिसिला रहने दिया
उसके सारे ख़त जलाए और पता रहने दिया

बढ़ रहा है, बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

याद उसकी और आई, ओ
याद उसकी और आई ख़त जला देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

क्यूँ मेरे हमराज़ तूने दिल की हालत पूछ ली? दिल के हालत पूछ ली

बिछड़ के तुझसे ना मिलना तो एक बहाना था
बिछड़ के तुझसे ना मिलना तो एक बहाना था
मुझे तो सिर्फ़ तेरा वादा आजमाना था

क्यूँ मेरे हमराज़ तूने दिल की हालत पूछ ली?
क्यूँ मेरे हमराज़ तूने दिल की हालत पूछ ली?

तुझको भी रोना पड़ा, ओ
तुझको भी रोना पड़ा, मुझको रुला देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

राख़ में क्या ढूँढते? चिंगारियाँ भी बुझ गईं, चिंगारियाँ भी बुझ गईं

उजाला माँगने आया था रोशनी की भीख
उजाला माँगने आया था रोशनी की भीख
हम अपना घर ना जलाते तो और क्या करते?

राख़ में क्या ढूँढते? चिंगारियाँ भी बुझ गईं
राख़ में क्या ढूँढते? चिंगारियाँ भी बुझ गईं

होश में आए भी हम, ओ
होश में आए भी हम तो घर जला देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

हाए, अब उस बेवफ़ा ने बेवफ़ाई छोड़ दी, बेवफ़ाई छोड़ दी

चराग़ तेज़ हवा में जला गया कोई
चराग़ तेज़ हवा में जला गया कोई
हमारे कब्र पे आँसू बहा गया कोई

हाए, अब उस बेवफ़ा ने बेवफ़ाई छोड़ दी
हाए, अब उस बेवफ़ा ने बेवफ़ाई छोड़ दी

कब्र पे आया है वो, ओ
कब्र पे आया है वो मुझको मिटा देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

याद उसकी और आई, ओ
याद उसकी और आई ख़त जला देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद
बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद

बढ़ रहा है दर्द-ओ-ग़म उसको भुला देने के बाद



Credits
Writer(s): Altaf Raja, Vaishnav Deva, Mumtaz Nikhat
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