Dukhi Man Mere

दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे...

दर्द हमारा कोई ना जाने
अपनी गरज के सब हैं दीवाने
किसके आगे रोना रोएँ?
देस पराया, लोग बेगाने

दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे...

लाख यहाँ झोली फैला ले
कुछ नहीं देंगे इस जग वाले
पत्थर के दिल मोम ना होंगे
चाहे जितना नीर बहा लें

दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे...

अपने लिए कब हैं ये मेले?
हम हैं हर एक मेले में अकेले
क्या पाएगा उसमें रह कर
जो दुनिया जीवन से खेले?
क्या पाएगा उसमें रह कर
जो दुनिया जीवन से खेले?

दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे...



Credits
Writer(s): Ludiavani Sahir, S Burman
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link