Shaam Hai Kuchh Khoi Khoi

शाम है ये कुछ खोई-खोई
दिल के दरवाज़े पे कोई दस्तक, दस्तक
दस्तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है

शाम है ये कुछ खोई-खोई
दिल के दरवाज़े पे कोई दस्तक, दस्तक
दस्तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है

डर से मैं दरवाज़ा...
हाँ, डर से मैं दरवाज़ा खोल ना पाऊँ
शरम के मारे मैं कुछ बोल ना पाऊँ

मेरी ख़ामोशी को वो लब तक, लब तक
लब तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है

यही हैं क्या वो प्रेम-प्यार की बातें?
यही हैं क्या वो प्रेम-प्यार की बातें?
बीत गए कितने दिन, कितनी रातें

नाम मेरा लेके आवाज़ें अब तक, अब तक
अब तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है

क्या शामें, क्या सुबहें, क्या रातें
सूनी-सूनी पहले थीं सब बातें
क्या शामें, क्या सुबहें, क्या रातें
सूनी-सूनी पहले थीं सब बातें

आज मज़ा ये मौसम, लेकिन बेशक़, बेशक़
बेशक़ दे रहा है, दस्तक दे रहा है

शाम है ये कुछ खोई-खोई
दिल के दरवाज़े पे कोई दस्तक, दस्तक
दस्तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है
दस्तक दे रहा है, दस्तक दे रहा है



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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