Raampur Ka Baasi Hoon

रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी, सीधा-साधा काम
ओ, पर हूँ बड़ा अलबेला
हो, १०० के बराबर अकेला

ओ, रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी, सीधा-साधा काम

रुकना-झुकना मैं क्या जानूँ! ऐ भाई
हो, यार की यारी मुझको यहाँ तलक लाई
अरे, खेल-तमाशा मुझको मत समझो प्यारो
हो, अभी तो परदा उठने में देर है यारों

तुम देखोगे, हाय
तुम देखोगे उस रोज़ मुझे, मैं अपनी जान पे जिस दिन खेला

रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी, सीधा-साधा काम

प्यार-मोहब्बत में वैसे तो ढीला हूँ
हो, लेकिन दिल का मैं भी बड़ा रंगीला हूँ
अरे, आँखों-आँखों ही में जिन पे लहराऊँ
हो, उन होंठों की लाली उतार ले जाऊँ

कर दूँ पागल, होए
कर दूँ पागल हो चाहे गाँव की गोरी या कोई शहरी लैला

रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी, सीधा-साधा काम

Suit पहन के तुम देखो नकली सपना
हो, मेरी धोती, कुर्ते पे सोचकर हँसना
अरे, खद्दर की छाया में भारत जागा है
हो, इस लाठी से अंग्रेज़ डर के भागा है

ये अंग्रेज़ी, ये अंग्रेज़ी
फ़ैशन-वैशन क्या जानूँ! मैं हूँ भारत का छैला

रामपुर का
अरे, रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी, सीधा-साधा काम
ओ, पर हूँ बड़ा अलबेला
हो, १०० के बराबर अकेला

ओ, रामपुर का बासी हूँ मैं, लक्ष्मण मेरा नाम
सीधी-साधी बोली मेरी सीधा-साधा काम



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
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