Albela Re Ruk Jana

अलबेला रे, अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?

अलबेला रे, अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?

अलबेली, हूँ मैं भी तेरी दीवानी
ज़ालिम, तूने मेरी कदर ना जानी
ओ रे गाँव की छैला, तुझे कसम है
हथवा जोड़े तोहे मोरी जवानी

रू-रू-रू रू रू रू रू-ऊ-ऊ-ऊ-ऊ
रू-रू-रू हाए-हाए, क्यूँ तड़पाता है, अलबेला?

अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?

कहता था जानू, जी पे खेल जा ना रे
१०० पे भारी हूँ में, आए ज़माना रे
मतवाला बन आया था प्यार करने
मौका जब आया डर गया दीवाना

ला-ला-ला ला ला ला ला-ला-ला-ला-ला
ला-ला-ला हाए, कैसा घबराता है, अलबेला

अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?

आया चोरी करने लोगों की लाली
लाली कैसी खुद ही नज़र चुरा ली
बुद्धू, बुज़दिल, झूठे, नहीं रुकेगा?
रुक जा वर्ना दूँगी हज़ार गाली

रू-रू-रू रू रू रू रू-ऊ-ऊ-ऊ-ऊ
रू-रू-रू हाए, फिर भी चला जाता है, अलबेला

अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?

अलबेला रे, अलबेला रे, रुक जा ना
दिल तोड़ के, तू कहाँ जाता है?



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman
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