Dhalki Jaye Chundariya Hamari

ढलकी जाए चुँदरिया हमारी, हो, राम
ढलकी जाए चुँदरिया हमारी, हो, राम
पी से मिल के बहकने के दिन आए, हो
पी से मिल के बहकने के दिन आए, हो

ढलकी जाए...

जैसे ठंडी पवन बन के प्यार आ गई
जैसे ठंडी पवन बन के प्यार आ गई
जैसे चुपके से बन में बहार आ गई

फूल बन के...
हो, फूल बन के महकने के दिन आए, हो

ढलकी जाए चुँदरिया हमारी, हो, राम
ढलकी जाए...

मैं तो सपनों की बगिया में डोलूँगी रे
मैं तो सपनों की बगिया में डोलूँगी रे
बन की, बन की कोयलिया मैं बोलूँगी रे

डाली, डाली...
हो, डाली-डाली चहकने के दिन आए, हो

ढलकी जाए...
ढलकी जाए चुँदरिया हमारी, हो, राम
पी से मिल के बहकने के दिन आए, हो
ढलकी जाए...



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, S Burman
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