Bhaage Jaana Hai Kahan

आँखों में रात के छिलके निकले तारों को सिलके
सड़को पे ठंडी चादर किसने डाली?
घर के हैं ना मंज़िल के, रिश्ते हैं सब pencil के
मिटते जाते हैं जैसे शाम की लाली

निखरे हैं (नूर से मिलके), जैसे दिन (हो April के)
या फिर रातें हों काली दरिया वाली
दरिया के (या साहिल के), क़िस्से हैं (sleeping pill के)
पकते हैं तंदूरों पे ख़ाब-ख़याली

भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?

ओ, बहते हैं आगे-पीछे कुछ दरवाज़े, दरीचे
घर बनने की हसरत में पर दीवारें हैं कहाँ?
अब है सस्ते ठिकाने, बिकते हैं आशियाँने
पर तन्हा रहते थे जो वो सैयाँ रे, हैं कहाँ?

दुनिया के रस्ते सारे फिरते हैं मारे-मारे
मिलते हैं कब बेचारे पर यहाँ

भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?

ओ, आँखों में रात के छिलके निकले तारों को सिलके
सड़को पे ठंडी चादर किसने डाली?
घर के हैं ना मंज़िल के, रिश्ते हैं सब pencil के
मिटते जाते हैं जैसे शाम की लाली

निखरे हैं (नूर से मिलके), जैसे दिन (हो April के)
या फिर रातें हों काली दरिया वाली
दरिया के (या साहिल के), क़िस्से हैं (sleeping pill के)
पकते हैं तंदूरों पे ख़ाब-ख़याली

भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?

भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?
भागे जाना है कहाँ?



Credits
Writer(s): Debajyoti Mishra, Srijato
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link