Khoya Khoya Chanda

खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
सो गए, तू भी सो जा चाँद हमारे
खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
सो गए, तू भी सो जा चाँद हमारे
खोया-खोया चंदा...

लेके जादू की छड़ी, आई सपनों की परी
रूप नगरी में तुझे छोड़ आएगी अभी
हैं वो सपनों का जहाँ, एक मेला हैं वहाँ
देस, परदेस के बच्चे चले वहाँ

नीले आकाश की गंगा के किनारे
खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
सो गए, तू भी सो जा चाँद हमारे
खोया-खोया चंदा...

झूला चाँदी का पड़ा, हीरे-पन्नों से जड़ा
रेशमी डोर बँधी, झूलेगा लाल मेरा
जब भी तू पींग भरे, जा के बादल को छुए
छूले बिजली को तो वो खिलखिला करे

और छुप जाए कहीं लाज के मारे
खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
सो गए, तू भी सो जा चाँद हमारे
खोया-खोया चंदा...

कहीं कोई गीत गाए, कोई बंसी बजाए
और कोई ढोल लिए धिन-धिन-तक सुनाए
सब पे एक रंग पड़े, कोई भी बच ना सके
प्यार और मेल का गुलाल यूँ उड़े

खेलें मिल के कोई जीते, कोई हारे
खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
सो गए, तू भी सो जा चाँद हमारे

खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे
खोया-खोया चंदा, खोए-खोए तारे



Credits
Writer(s): S.d. Burman, Shailendra
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