Chalo Re Doli Uthao Kahar

हो, चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई
हो, चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

पिय की नगरी ले जाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई
चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

जिन नैनों की तू है ज्योती
उन नैनों से बरसे मोती
दावा नहीं है, कोई ज़ोर नहीं है
बेटी सदा ही पराई होती

जल्दी नैहर से ले जाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई
चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

छाई है देखो हरियाली
आई है रुत ख़ुशियों वाली
हर आशा परवान चढ़ी
दिन है दशहरा, रात दीवाली

गले डाल बाँहों का हार, कहार
पिया मिलन की रुत आई
चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

तन मयके, मन तेरी नगरिया
उड़ जाऊँ मैं बनके बदरिया
चाँद नगर को चली चकोरी
प्यासी हूँ मिलन की, साँवरिया

मेरे सपने सजाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई
चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

सूनी पड़ी भैया की हवेली
व्याकुल बहना रह गई अकेली
जिन संग नाची, जिन संग खेली
छूट गई वो सखी-सहेली

अब ना देरी लगाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई
चलो रे, डोली उठाओ, कहार
पिया मिलन की रुत आई

पिया मिलन की रुत आई
पिया मिलन की रुत आई



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Varma Malik
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link