Maine Dekha Tha Sapnon Mein

मैंने देखा था...
मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
हो, मुझे उल्फ़त का गहना दिया

मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
हो, मुझे उल्फ़त का गहना दिया

बंधी-बंधी नदिया भी बहने लगी
घड़ी-घड़ी लहरा के कहने लगी
बंधी-बंधी नदिया भी बहने लगी
घड़ी-घड़ी लहरा के कहने लगी

"मैं तो सागर से जा कर मिलूँगी अभी
मैं तो सागर से जा कर मिलूँगी अभी
आज मुझ को मिली है नई ज़िंदगी"

मैंने देखा था...
मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
ओ, मुझे उल्फ़त का गहना दिया

धीरे-धीरे छेड़े हवा भी सितार
छम-छम नाचूँ तो नाचे बहार
धीरे-धीरे छेड़े हवा भी सितार
छम-छम नाचूँ तो नाचे बहार

आज धरती नया गीत गाने लगी
आज धरती नया गीत गाने लगी
मेरी तक़दीर भी मुस्कुराने लगी

मैंने देखा था...
मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
हो, मुझे उल्फ़त का गहना दिया

खोई-खोई जाऊँ मैं जाने कहाँ
मिला मुझे सब कुछ, मिले दो जहाँ
खोई-खोई जाऊँ मैं जाने कहाँ
मिला मुझे सब कुछ, मिले दो जहाँ

आज मेरी ख़ुशी की तो सीमा नहीं
आज मेरी ख़ुशी की तो सीमा नहीं
हो ना जाऊँ कहीं प्यार में बावरी

मैंने देखा था...
मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
ओ, मुझे उल्फ़त का गहना दिया

मैंने देखा था सपनों में एक चंद्र-हार
आज बालम ने पहना दिया
हो, मुझे उल्फ़त का गहना दिया



Credits
Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat
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