O Sahiba O Sahiba

नाज़ुक सी कली थी, छाया में पली थी
तुझे मैं धूप में लाया
छाया में पली थी, नाज़ुक सी कली थी
तुझे मैं धूप में लाया

(तो?) माफ़ी माँगता हूँ तुझ से
माफ़ी माँगता हूँ तुझ से

ओ साहिबा, ओ साहिबा
ओ साहिबा, ओ साहिबा

न-न-ना, ओ बाबा, न-न-ना
न-न-ना, ओ बाबा, न-न-ना

किरणों से मिलीं मैं, शबनम में खिली मैं
मौसम से तूने मिलवाया
शबनम में खिली मैं, किरणों से मिलीं मैं
मौसम से तूने मिलवाया

(तो?) तेरा शुक्रिया मैं करूँ कैसे?
तेरा शुक्रिया मैं करूँ कैसे?

ओ साहेबाँ, ओ साहेबाँ
ओ साहेबाँ, ओ साहेबाँ

ऊपर अंबर, धरती नीचे
उड़ जा पंछी, देख ना पीछे
ऊपर अंबर, धरती नीचे
उड़ जा पंछी, देख ना पीछे

जोश नया है मन के अंदर
पार करूँगी सात समंदर
चल रही हैं साथ मेरे आठों दिशाएँ

ओ साहिबा, ओ साहिबा
ओ साहिबा, ओ साहिबा

एक थी सहमी मोम की गुड़िया
जो बिजली से डर जाती थी (क्या? क्या? हाँ)
एक थी सहमी मोम की गुड़िया
जो बिजली से डर जाती थी

बंद अँधेरों में रहती थी
वो तो हवा से घबराती थी
(अच्छा बता, अब कैसा लगता है?)
दिल को लुभाने लगी है अब तो फ़िज़ाएँ

ओ साहेबाँ, ओ साहेबाँ
ओ साहेबाँ, ओ साहेबाँ

यौवन खुशबू बनके आए
तन, मन, जीवन सब महकाएँ
यौवन खुशबू बनके आए
तन, मन, जीवन सब महकाएँ

इस जीवन को जब से जिया है
मैंने भी महसूस किया है
खिलके कली फूल बनी महकी हवाएँ

ओ साहिबा, ओ साहिबा
ओ साहिबा, ओ साहिबा

नाज़ुक सी कली थी, छाया में पली थी
इसे तू धूप में लाया, इसे तू धूप में लाया

माफ़ी माँगता हूँ तुझ से
Mm, तेरा शुक्रिया मैं करूँ कैसे?

ओ साहिबा, ओ साहिबा
ओ साहेबाँ, ओ साहेबाँ



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Shravan Rathod, Nadeem Saifi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link