Gham Nahin Kar Muskura

दस दिन बीत गए बैजु
मैं तो थक गई चलते-चलते
अरे कावली, काबुल के गुल्ज़ार ख़ान कह गए हैं कि तन हारो, मन हारो, धन-दौलत हारो
ऊँची हिम्मत मत हारो
क़िस्मत पर भरोसा रखो
अभी तो हमारे पास पूरे दो महीने और २० दिन बाक़ी हैं
बैजु, चरिंदे जागे, परिंदे जागे
यहाँ तक कि मच्छड़ और मक्खी जागे
मगर ना जाने हमारे क़िस्मत कब जागेगी!
अरे, वो तो अभी अंगड़ाई ले रही है, बस जागी समझो
अरे, ग़म क्यों करती है पगली मुस्कुरा ना, मुस्कुरा ना
एक ज़रा sample थोड़ा सा ये, अरे...

ग़म नहीं कर मुस्कुरा, जीने का ले-ले मज़ा
नादान ये ज़िंदगी, है ख़ूबसूरत बला
ग़म नहीं कर मुस्कुरा, जीने का ले-ले मज़ा
नादान ये ज़िंदगी, है ख़ूबसूरत बला
ग़म नहीं कर मुस्कुरा

रुत ये जवाँ, छाया समा
कितना हसीं है ये जहां!
रुत ये जवाँ, छाया समा
कितना हसीं है ये जहां!

ठंडी फ़िज़ा, भीगी हवा
है आग सी दिल में लगा
ठंडी फ़िज़ा, भीगी हवा
है आग सी दिल में लगा
कब से जले दिल ये मेरा

ग़म नहीं कर मुस्कुरा, (अ-हा) जीने का ले-ले मज़ा (अ-हा)
नादान ये ज़िंदगी, (अ-हा) है ख़ूबसूरत बला (अ-हा)
ग़म नहीं कर मुस्कुरा (अ-हा)

सब भूल जा, आ प्यार में
है जीत भी इस हार में
सब भूल जा, आ प्यार में
है जीत भी इस हार में

हर दिल यहाँ मजबूर है
ये प्यार का दस्तूर है
हर दिल यहाँ मजबूर है
ये प्यार का दस्तूर है
मिलता है क्या ग़म के सिवा

ग़म नहीं कर मुस्कुरा, (अ-हा) जीने का ले-ले मज़ा (अ-हा)
नादान ये ज़िंदगी, (अ-हा) है ख़ूबसूरत बला (अ-हा)
ग़म नहीं कर मुस्कुरा, (Umm-hmm) जीने का ले-ले मज़ा (Umm-hmm)
नादान ये ज़िंदगी, (Umm-hmm) है ख़ूबसूरत बला (Umm-hmm)
ग़म नहीं कर मुस्कुरा (अ-हा)



Credits
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Jan Nisar Akhtar
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