Kya Tum Wohi Ho

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?

जो नींदो में चोरी से आता रहा है
जो साँसों में छुप-छुप के गाता रहा है
मेरे अनछुए जिस्म को जिस का साया
बड़े प्यार से छू के जाता रहा है

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?

ख़यालों में जो मुस्कुराती रही है
धनक बन के नज़रों पे छाती रही है
मेरे दिल के सुनसान आँगन में अक्सर
जो रातों को पायल बजाती रही है

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?

मैं जिसके लिए फूल चुनती रही हूँ
तमन्नाओं के हार बुनती रही हूँ
मैं जिसके लिए फूल चुनती रही हूँ
तमन्नाओं के हार बुनती रही हूँ

धड़कते हुए दिल के शहनाइयों में
सदा जिस के क़दमों की सुनती रही हूँ

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?

वो सूरत जो दिल में मचलती रही है
निगाहों में करवट बदलती रही है
वो सूरत जो दिल में मचलती रही है
निगाहों में करवट बदलती रही है

वो तरशा हुआ जिस्म परछाई जिसकी
सदा मेरे हम राह चलती रही है

क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?
क्या तुम वही हो? क्या तुम वही हो?



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Ludiavani Sahir
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